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गौतम राजऋषि

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* [[देख पंछी जा रहे अपने बसेरों में / गौतम राजरिशी]]
* [[हरी है ये ज़मीं हमसे कि हम तो इश्क बोते हैं / गौतम राजरिशी]]
* [[एक मुद्‍दत से हए हुए हैं वो हमारे यूँ तो / गौतम राजरिशी]]
* [[अब के ऐसा दौर बना है / गौतम राजरिशी]]
* [[वो जब अपनी ख़बर दे है / गौतम राजरिशी]]
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