भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुण्डली

552 bytes added, 10:37, 9 सितम्बर 2009
उदाहरण के लिये
 
साँई बैर न कीजिये, गुरु, पंडि़त, कवि, यार।
बेटा, बनिता, पौरिया, यज्ञकरावनहार॥
यज्ञकरावनहार, राज मंत्री जो होई
विप्र, पड़ोसी, वैद्य, आपुको तपै रसोई।
कह गिरधर कविराय युगन सों यह चलि आई
इन तेरह को तरह दिये बनि आवै साँई॥
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits