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|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
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<poem>भैया टी.वी.देख रहे हैंपिता जी अखबार पढ़ रहे हैंदादी मां मन्दिर जा रही हैहमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही हैमेरी मां सुबह सेलगातार
लगातार