भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना भाटिया |संग्रह= }} <poem>'''१''' गुलमोहर के फूल जैस...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना भाटिया
|संग्रह=
}}
<poem>'''१'''
गुलमोहर के फूल
जैसे हाथ पर कोई
अंगार है जलता ...

'''२'''
जेठिया आग से
झुलसे है बहार
अमलतास से मिटे
कुछ गर्मी की आस

'''३'''
झूमे पत्ते
डाली डाली
झूम के बरसा मेघ
सावन की ऋतु आ ली

'''४'''
कैसे मदमस्त
हो के छेड़े मल्हार
पत्तियों पर बुंदिया की
पड़े है जब मार.....

'''५'''
उमड़ी घटा
दीवाने बदरा
शोर मचाये
नाचा मन मोर भी
पर तुम न आये ..
बिखरी जुल्फों को
अब कौन सुलझाए ...
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits