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Kavita Kosh से
|voiceof=अज्ञात
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कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी हमें याद नहीं<br>
ज़िन्दगी तुझ को तुझको तो बस ख़्वाब में देखा हम नेहमने<br><br>
ऐ "अदा" और सुनाये भी तो क्या हाल अपना<br>
उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हम नेहमने<br><br><br>
टिप्पणी:<br>
इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।<br><br>