Changes

सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

61 bytes added, 13:30, 20 सितम्बर 2009
जनविजय जी महादेवी जी की जो कवितायें मैंने उनके मुखपॄष्ट से हटाईं थी वे ’नीहार’संग्रह का भाग हैं। जिसे मैं टाइप कर रहा हूँ। उन्हें दुबारा मुखपृष्ठ पर ड़ालने का क्या कारण है।
-धर्मेन्द्र कुमार सिंह
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits