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माजरा-माजरा, दास्ताँ-दास्ताँ।
उसके तेवर पर क़ुर्बान लुत्फ़ो-करम
मेहरबाँ-मेहरबाँ क़ह्रमाँ-कह्रमाँ<ref>कोपमान</ref>।
 
जी में आता है तुझको पुकारा करूँ
रहगुज़र-रहगुज़र आस्ताँ-आस्ताँ।
 
याद आने लगीं फिर अदायें तेरी
दिलनशीं-दिलनशीं जांसिताँ-जांसिताँ।
 
क्यों तेरे ग़म की चिंगारियाँ हो गयीं
सोज़े-दिल सोज़े दिल सोज़े जाँ सोज़े जाँ।
 
साथ है रात की रात वो रश्के-मह
मेजबाँ-मेजबाँ मेहमाँ-मेहमाँ।
 
इश्क़ की ज़िन्दगी भी ग़रज़ कट गयी
ग़मज़दा-ग़मज़दा शादमाँ-शादमाँ।
 
अब पड़े - अब पड़े उनके माथे प बल
अलहज़र-अलहज़र अल‍अमाँ - अल‍अमाँ।
 
इश्क़ ख़ुद अपनी तारीफ़ यूँ कर गया
अह्रमन - अह्रमन ईज़दाँ-ईज़दा।
 
कैफ़ो-मस्ती है इमकाँ-दर-इमकाँ, ’फ़िराक़’
चाँदनी है अभी नौजवाँ-नौजवाँ।
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