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ज़िन्दगी जैसी तमन्ना थी नहीं कुछ कम है <br>
हर घड़ी होता है एहसास कहीं कुछ कम है <br><br>
अब जिधर देखिये लगता है कि इस दुनिया में <br>
कहीं कुछ चीज़ ज़ियादा है कहीं कुछ कम है <br><br>
आज भी है तेरी दूरी ही उदासी का सबब <br>
ये अलग बात कि पहली सी नहीं कुछ कम है<br><br>