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तलवार / अब्दुल्ला पेसिऊ

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|रचनाकार=अब्दुल्ला पेसिऊ
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नहींमैं बिल्कुल नहीं नंगी तलवार हूँ विरोधीतानाशाहों काऔर मेरी मातृभूमि उसकी म्यानजिसे चोरी कर ले गया कोई और
उन्हें फैला लेने दो पग-पग पर अपने पैरयह मत सोचना कि सम्पूर्ण विश्व मेंरक्त पिपासु ईश्वर के प्रतिबिंब की तरहहो गया हूँ मैं
पर एक ही शर्त रहेगी मेरीअपने इर्द-गिर्द देखोबन जाने दो तानाशाह उस चोर को ढूंढ निकालोदुनिया के तमाम बच्चों को।जिसने नंगा कर दिया है मुझे।
'''अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र'''
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