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है एक ओर सुरम्‍य थल,
पर आज लहरों से ग्रसा, यह भी नहीं मैं जानता-
ओर मैं? किस ओर मैं?
है जीत एक तरफ खड़ी,
संघर्ष-जीवन में धँसा , यह भी नहीं मैं जानता-
ओर मैं? किस ओर मैं?
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