Changes

तेरा यह करुण अवसान!
जब तुझे पहचान पाया,
देवता को जान पाया,
खींच तुझको ले गया तब काल का आह्वान!
तेरा यह करुण अवसान!
जब मिटा भ्रम का अँधेला,
जब जगी वरदान-बेला,
तू अनंत निशीथ-निद्रा में हुई लयमान!
तेरा यह करुण अवसान!
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits