भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मौन को मुखरित बनाया,
करुन क्रंदन को बताया क्‍यों मगर मधुर मधुरतम गान?
जीवन शाप या वरदान?
पूर्ण भी जीवन करोगे,
हर्ष से क्षण -क्षण भरोगे,
तो न कर देंगे दोगे उसे सब क्या एक दिन बलिदान?
जीवन शाप या वरदान?
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits