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नया पृष्ठ: '''निठारी के मासूम भूतों नें पूछा'''<br /> वो चाकलेट<br /> जब नाखून भरे हाथ ...
'''निठारी के मासूम भूतों नें पूछा'''<br />
वो चाकलेट<br />
जब नाखून भरे हाथ बन जाती होगी<br />
तो मासूम छौने सी, नन्ही सी, गुडिया सी<br />
छोटी सी बिल्ली के बच्चे सी बच्ची<br />
सहसा सहम कर, रो कर, दुबक कर<br />
कहती तो होगी 'बुरे वाले अंकल'<br />
मेरे पास है और भी एसी टॉफी<br />
मुझे दो ना माफी, जाने भी दो ना..<br />
मुझे छोड दो, मेरी गुडिया भी लो ना<br />
तितली भी है, मोर का पंख भी है<br />
सभी तुमको दूंगी, कभी फिर न लूंगी<br />
मुझे छोड दो, मुझको एसे न मारो<br />
ये कपडे नये हैं, इन्हें मत उतारो<br />
मैं मम्मी से, पापा से सबसे कहूँगी<br />
मगर छोड दोगे तो चुप ही रहूंगी..<br />
क्या आसमा तब भी पत्थर ही होगा<br />
क्यों इस धरा के न टुकडे हुए फिर?<br />
पिशाचों नें जब उस गिलहरी को नोचा<br />
तो क्यों शेष का फन न काँपा?<br />
न फूटे कहीं ज्वाल के मुख भला क्यों?<br />
गर्दन के, हाँथों के, पैरों के टुकडे<br />
नाले में जब वो बहा कर हटा था<br />
तो ए नीली छतरी लगा कर खुदा बन<br />
बैठा है तू, तेरा कुछ भी घटा था<br />
तू मेरी दृष्टि में सबसे भिखारी<br />
दिया क्या धरा को ये तूनें 'निठारी'?<br />
ये कैसी है दुनियाँ, कहाँ आ गये हम?<br />
कहाँ बढ गये हम, कि क्या पा गये हम?<br />
न आशा की बातें करो कामचोरों<br />
'लुक्क्ड', 'उचक्को', 'युवा', तुम पे थू है<br />
तुम्ही से तो उठती हर ओर बू है<br />
अरे 'कर्णधारो' मरो,<br />
चुल्लुओं भर पानीं में डूबो<br />
वेलेंटाईनों के पहलू में दुबको,<br />
तरक्की करो तुम<br />
शरम को छुपा दो,<br />
बहनों को अमरीकी कपडे दिला दो<br />
बढो शान से, चाँद पर घर बनाओ<br />
नहीं कोई तुमसे ये पूछेगा कायर<br />
कि चेहरे में इतना सफेदा लगा कर<br />
अपना ही चेहरा छुपा क्यों रहे हो<br />
उठा कर के बाईक 'पतुरिया' घुमाओ<br />
समाचार देखो तो चैनल बदल दो<br />
मगर एक दिन पाँव के नीचे धरती<br />
अगर साथ छोडेगी तो क्या करोगे?<br />
इतिहास पूछेगा तो क्या गडोगे?<br />
तुम्हारी ही पहचान है ये पिटारी<br />
उसी देश के हो है जिसमें निठारी...<br />
भैया थे, पापा थे, नाना थे, चाचा थे<br />
कुछ भी नहीं थे तो क्या कुछ नहीं थे<br />
बदले हुए दौर में हर तरफ हम<br />
पिसे हैं तो क्या आपको अजनबी थे?<br />
नहीं सुन सके क्यों 'बचाओ' 'बचाओ'<br />
निठारी के मासूम भूतों नें पूछा<br />
अरे बेशरम कर्णधारों बताओ..<br />
वो चाकलेट<br />
जब नाखून भरे हाथ बन जाती होगी<br />
तो मासूम छौने सी, नन्ही सी, गुडिया सी<br />
छोटी सी बिल्ली के बच्चे सी बच्ची<br />
सहसा सहम कर, रो कर, दुबक कर<br />
कहती तो होगी 'बुरे वाले अंकल'<br />
मेरे पास है और भी एसी टॉफी<br />
मुझे दो ना माफी, जाने भी दो ना..<br />
मुझे छोड दो, मेरी गुडिया भी लो ना<br />
तितली भी है, मोर का पंख भी है<br />
सभी तुमको दूंगी, कभी फिर न लूंगी<br />
मुझे छोड दो, मुझको एसे न मारो<br />
ये कपडे नये हैं, इन्हें मत उतारो<br />
मैं मम्मी से, पापा से सबसे कहूँगी<br />
मगर छोड दोगे तो चुप ही रहूंगी..<br />
क्या आसमा तब भी पत्थर ही होगा<br />
क्यों इस धरा के न टुकडे हुए फिर?<br />
पिशाचों नें जब उस गिलहरी को नोचा<br />
तो क्यों शेष का फन न काँपा?<br />
न फूटे कहीं ज्वाल के मुख भला क्यों?<br />
गर्दन के, हाँथों के, पैरों के टुकडे<br />
नाले में जब वो बहा कर हटा था<br />
तो ए नीली छतरी लगा कर खुदा बन<br />
बैठा है तू, तेरा कुछ भी घटा था<br />
तू मेरी दृष्टि में सबसे भिखारी<br />
दिया क्या धरा को ये तूनें 'निठारी'?<br />
ये कैसी है दुनियाँ, कहाँ आ गये हम?<br />
कहाँ बढ गये हम, कि क्या पा गये हम?<br />
न आशा की बातें करो कामचोरों<br />
'लुक्क्ड', 'उचक्को', 'युवा', तुम पे थू है<br />
तुम्ही से तो उठती हर ओर बू है<br />
अरे 'कर्णधारो' मरो,<br />
चुल्लुओं भर पानीं में डूबो<br />
वेलेंटाईनों के पहलू में दुबको,<br />
तरक्की करो तुम<br />
शरम को छुपा दो,<br />
बहनों को अमरीकी कपडे दिला दो<br />
बढो शान से, चाँद पर घर बनाओ<br />
नहीं कोई तुमसे ये पूछेगा कायर<br />
कि चेहरे में इतना सफेदा लगा कर<br />
अपना ही चेहरा छुपा क्यों रहे हो<br />
उठा कर के बाईक 'पतुरिया' घुमाओ<br />
समाचार देखो तो चैनल बदल दो<br />
मगर एक दिन पाँव के नीचे धरती<br />
अगर साथ छोडेगी तो क्या करोगे?<br />
इतिहास पूछेगा तो क्या गडोगे?<br />
तुम्हारी ही पहचान है ये पिटारी<br />
उसी देश के हो है जिसमें निठारी...<br />
भैया थे, पापा थे, नाना थे, चाचा थे<br />
कुछ भी नहीं थे तो क्या कुछ नहीं थे<br />
बदले हुए दौर में हर तरफ हम<br />
पिसे हैं तो क्या आपको अजनबी थे?<br />
नहीं सुन सके क्यों 'बचाओ' 'बचाओ'<br />
निठारी के मासूम भूतों नें पूछा<br />
अरे बेशरम कर्णधारों बताओ..<br />