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Kavita Kosh से
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मेरी कुण्ठाकुंठा<br>
रेशम के कीड़ों सी<br>
ताने-बाने बुनती,<br>
औ' वीणा से कहती-सुनती,<br>
गर्भवती है<br>
मेरी कुण्ठा कुंठा – कुँवारी कुंती!<br><br>
बाहर आने दूँ<br>