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नया पृष्ठ: चौड़ी सड़्क गली पतली थी<br /> दिन का समय घनी बदली थी<br /> रामदास उस दिन उ...
चौड़ी सड़्क गली पतली थी<br />
दिन का समय घनी बदली थी<br />
रामदास उस दिन उदास था<br />
अंत समय आ गया पास था<br />
उसे बता, यह दिया गया था, उसकी हत्या होगी।<br />
<br />
धीरे धीरे चला अकेले<br />
सोचा साथ किसी को ले ले<br />
फिर रह गया, सड़्क पर सब थे<br />
सभी मौन थे, सभी निहत्थे<br />
सभी जानते थे यह, उस दिन उसकी हत्या होगी।<br />
<br />
खड़ा हुआ वह बीच सड़क पर<br />
दोनों हाँथ पेट पर रख कर<br />
सधे कदम रख कर के आये<br />
लोग सिमट कर आँख गड़ाये<br />
लगे देखने उसको, जिसकी तय था हत्या होगी।<br />
<br />
निकल गली से तब हत्यारा<br />
आया उसने नाम पुकारा<br />
हाँथ तौल कर चाकू मारा<br />
छूटा लोहू का फव्वारा<br />
कहा नहीं था उसनें आखिर उसकी हत्या होगी?<br />
<br />
भीड़ ठेल कर लौट आया वह<br />
मरा हुआ है रामदास यह<br />
'देखो-देखो' बार बार कह<br />
लोग निड़र उस जगह खडे रह<br />
लगे बुलानें उन्हें, जिन्हें संशय था हत्या होगी।<br />
दिन का समय घनी बदली थी<br />
रामदास उस दिन उदास था<br />
अंत समय आ गया पास था<br />
उसे बता, यह दिया गया था, उसकी हत्या होगी।<br />
<br />
धीरे धीरे चला अकेले<br />
सोचा साथ किसी को ले ले<br />
फिर रह गया, सड़्क पर सब थे<br />
सभी मौन थे, सभी निहत्थे<br />
सभी जानते थे यह, उस दिन उसकी हत्या होगी।<br />
<br />
खड़ा हुआ वह बीच सड़क पर<br />
दोनों हाँथ पेट पर रख कर<br />
सधे कदम रख कर के आये<br />
लोग सिमट कर आँख गड़ाये<br />
लगे देखने उसको, जिसकी तय था हत्या होगी।<br />
<br />
निकल गली से तब हत्यारा<br />
आया उसने नाम पुकारा<br />
हाँथ तौल कर चाकू मारा<br />
छूटा लोहू का फव्वारा<br />
कहा नहीं था उसनें आखिर उसकी हत्या होगी?<br />
<br />
भीड़ ठेल कर लौट आया वह<br />
मरा हुआ है रामदास यह<br />
'देखो-देखो' बार बार कह<br />
लोग निड़र उस जगह खडे रह<br />
लगे बुलानें उन्हें, जिन्हें संशय था हत्या होगी।<br />