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|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>जय राष्ट्रीय निशान!<br>जय राष्ट्रीय निशान!!!<br>लहर लहर तू मलय पवन में,<br>फहर फहर तू नील गगन में,<br>छहर छहर जग के आंगन में,<br>सबसे उच्च महान!<br>सबसे उच्च महान!<br>जय राष्ट्रीय निशान!!<br>जब तक एक रक्त कण तन में, <br><br>
डिगे न तिल भर अपने प्रण में,हाहाकार मचावें रण में,<br>जननी की संतान<br>जय राष्ट्रीय निशान!<br>मस्तक पर शोभित हो रोली,<br>बढे शुरवीरों की टोली,<br>खेलें आज मरण की होली,<br>बूढे और जवान<br>बूढे और जवान!<br>जय राष्ट्रीय निशान!<br>मन में दीन-दुःखी की ममता,<br>हममें हो मरने की क्षमता,<br>मानव मानव में हो समता,<br>धनी गरीब समान<br>गूंजे नभ में तान<br>जय राष्ट्रीय निशान!<br>तेरा मेरा मेरुदंड हो कर में,<br>स्वतन्त्रता के महासमर में,<br>वज्र शक्ति बन व्यापे उस में,<br>दे दें जीवन-प्राण!<br>दे दें जीवन प्राण!<br>जय राष्ट्रीय निशान!! <br><br/poem>