भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]]।रचनाकाल|संग्रह=7 दिसम्बर, 1952आराधना / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}
{{KKCatKavita}}
अपने रोग, भोग से रहकर,
निर्यातन के कर मलने दो।
रचनाकाल=7 दिसम्बर, 1952
</poem>