भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatGhazal}}
<poem>
अब नया दीया दीपक जलाया जाएगा
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
चाँद गर साथी न मेरा बन सकासके
साथ सूरज का निभाया जाएगा
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits