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उन पे तूफ़ाँ को भी अफ़सोस हुआ करता है <br>
वो सफ़िने सफ़ीने जो किनारों पे उलट जाते हैं <br><br>
हम तो आये थे रहें शाख़ में फूलों की तरह <br>
तुम अगर हार समझते हो तो हट जाते हैं <br><br>