भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=इत्यलम् / अज्ञेय
}}
{{KKCatKavitaKKAnthologyLove}}{{KKCatKavita}}
<poem>
मुझ में यह सामर्थ्य नहीं है मैं कविता कर पाऊँ,
प्लावित हुए, वही क्षण तो है अपनी अमर कहानी !
</poem>