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हे अमिताभ / अज्ञेय

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|संग्रह=अरी ओ करुणा प्रभामय / अज्ञेय
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हे अमिताभ !
 
नभ पूरित आलोक,
 
सुख से, सुरुचि से, रूप से, भरे ओक :
 
हे अवलोकित
 
हे हिरण्यनाभ !
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