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ज़ख़्म जो आप की इनायत है इस निशानी को क्या नाम क्या दे हम <br>प्यार दीवार बन के रह गया है इस कहानी को क्या नाम क्या दे हम <br><br>
आप इल्ज़ाम धर गये हम पर एक एहसान कर गये हम पर <br>
आप की ये मेहरबानी है मेहरबानी को क्या नाम क्या दे हम <br><br>
आपको यूँ ही ज़िन्दगी समझा धूप को हमने चाँदनी समझा <br>
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