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फिर कबीर / मुनव्वर राना

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*[[तुम्हारे जिस्म की ख़ुशबू गुलों से आती है / मुनव्वर राना]]
*[[वो मुझे जुर्रते-इज़हार से पहचानता है / मुनव्वर राना]]
*[[गौतम की तरह घर से निकलकर निकल कर नहीं जाते / मुनव्वर राना]]
*[[हमारी दोस्ती से दुश्मनी शरमाई रहती है / मुनव्वर राना]]
*[[ऐन ख़्वाहिश के मुताबिक सब उसी को मिल गया / मुनव्वर राना]]