भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKRachna
| रचनाकार= अनूप सेठी
}} {{KKCatKavita}}<poem>
::दृश्य
ग्लास टैंक में मछली
देखी हमने ग्लास टैंक में मछली
::दर्शन
मछली मर जाएगी
बूढ़ी हो गई बेचारी जी नहीं पाएगी
::दृश्य
स्टेशन पर औरत मैली—कुचैली
रुलाई बचपन की खोई हुई कड़ी थी
::दर्शन
औरत पागल थी
चलता रहता है घबराना क्या
::दृश्य और दर्शन के बाहर
बचा रहा जाता है बार बार हर बार बहुत कुछ
दहलाती दमकाती
बहुत बड़ी है.
 
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,395
edits