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Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=अमीर खुसरो
}}{{KKCatKavita}}<poem>तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम,
तोरी सूरत के बलिहारी ।
सब सखियन में चुनर मेरी मैली,
हमको आस तिहारी, निजाम,
तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम...
</poem>