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|रचनाकार=अरुणा राय
}}
{{KKCatKavita}}<poem>चलते - चलते<br>हाथ बढ़ाए हमने<br>तो वो उलझे <br>और छूट गए<br>और छोड़ गए उलझन<br><br>
अब<br>एक अकेले से<br>
वह सुलझे कैसे ...
</poem>