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कुछ शे’र / अली सरदार जाफ़री

24 bytes added, 18:24, 5 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
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[[Category: शेर ]]<poem>
यह है आरज़ू चमन की, कोई लूट ले चमन को
 
ये तमाम रंगो-नक्‌हत तिरे इख़्तियार में है
 
 
तिरे हाथ की बलन्दी में फ़रोगे़-कहकशाँ है
 
ये हुजूमे-माहो-अंजुम<ref> चाँद और तारों का जमघट</ref>तिरे इन्तिज़ार में है
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</poem>
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