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तीन शे’र / अली सरदार जाफ़री

7 bytes removed, 18:45, 5 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
}}
[[Category: शेर ]]
<poem>
 
'''तीन शे’र'''
 
 
तेरी दिलबरी का तुह्‌फ़ः, ये सितार:बार आँखें
मए-शौक़ से छलकती ख़ुशो-पुरख़ुमार आँखें
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