भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
|संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
''(‘आतश' की ज़मीन में)''
 
 
कभी ख़न्दाँ,<ref>प्रसन्न</ref> कभी गिरियाँ,<ref>उदास</ref> कभी रक़्साँ<ref>नाचते हुए</ref> चलिए
दूर तक साथ तिरे, उम्रे-गुरेज़ाँ, चलिए
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits