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|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>रात के तीसरे पहर में
बगल में सोई औरत से बेखबर
अपनी कथित प्राप्तियों से दूर
प्रतीक्षारत
जागता
जागता है----सिंदबाद ।</poem>