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{{KKRachna
|रचनाकार=अशोक कुमार पाण्डेय
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किसी शांतिदूत की सुरक्षित हथेलियों में
शायरों की आँखों के तारे
बेमज़हब परिंदे भी नही ये
भयाकुल शहर के घायल चिकित्सागृह की