भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

संगीत के रहते / असद ज़ैदी

23 bytes added, 13:41, 8 नवम्बर 2009
|संग्रह=बहनें और अन्य कविताएँ / असद ज़ैदी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
यह आदमी अपनी पसंद के संगीत में
 
रास्ते पर आ जाएगा, देखता हुआ
 
बाक़ाइदगी से माँ को ख़त लिखेगा, ढिबरी जलाकर
 
जंगल से
 
यह आदमी रोएगा नहीं जब जिस्म में ख़ून की बहुत कमी होगी
 
थकान क़ाइदा बन जाएगी रोज़ का तब यह नहीं थकेगा
 
अख़ीर में इसको भी अहसास हो जाएगा
 
कि देखो, हारी हुई लड़ाईयाँ कितने काम आती हैं ।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits