भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=वर्षा में भीगकर / इब्बार रब्बी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
उस औरत की गोद में बच्चा
मैं बच्चे को देख रहा हूँ
और औरत को।
:::मैं मैं नहीं रहा
:::गोद में हो गया
धरती की गोद में
पुरानी, बहुत पुरानी कब्र की तरह।
'''रचनाकाल : 16.08.1979
</Poem>