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दर्द आशोब / फ़राज़

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*[[अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम / फ़राज़]]
*[[उतरी थी शहरे-गुल में कोई आतिशी किरन / फ़राज़]]
*[[कोई भटकता बादल / फ़राज़]]
*[[कैसी तलब,और क्या अन्दाज़े, मुश्किल है तक़दीर बने / फ़राज़]]
*[[अपनी मुहब्बत के अफ़साने कब तक राज़ बनाओगे / फ़राज़]]
*[[ये तो जब मुम्किन है / फ़राज़]]
*[[तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बरहम हैं दोस्तो / फ़राज़]]
*[[तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोज़ो-शब आँखों में थे / फ़राज़]]
*[[लम्हे वफ़ूरे-शौक़ के ऐसे न आए थे / फ़राज़]]
*[[शुहदा-ए-जंगे आज़ादी 1857 के नाम / फ़राज़]]