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{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
|संग्रह= दर्द आशोब / फ़राज़ ; ज़िंदगी!ऐ ज़िंदगी! / फ़राज़
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
ग़ज़ल<ref>उर्दू की एक काव्य विधा</ref> बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसे
वो ख़ार-ख़ार<ref>कँटीला</ref> है शाख़-ए-गुलाब<ref>गुलाब की टहनी</ref> की मानिन्द<ref>भाँति</ref>
मैं ज़ख़्म-ज़ख़्म<ref>घावों से भरा हुआ</ref> हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसे
वही जो दौलत-ए-दिल<ref>दिल की पूँजी</ref> है वही जो राहत-ए-जाँ<ref>जीवन का सुख</ref>
तुम्हारी बात पे ऐ नासिहो<ref>उपदेशको</ref> गँवाऊँ उसे <br><br>
जो हमसफ़र<ref>सहयात्री</ref> सर-ए-मंज़िल<ref>गंतव्यस्थल पर</ref> बिछड़ रहा है "फ़राज़"
अजब<ref>अचंभा</ref> नहीं कि अगर याद भी न आऊँ उसे  
{{KKMeaning}}
</poem>