भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=उदयप्रताप सिंह
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
सारी धरा राम राम जन्म से हुई है धन्य
निर्विवाद सत्य को विवाद से निकालिये ।