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15:28, 13 नवम्बर 2009 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सौदा
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'सौदा' से ये कहा मैं कुछ ज़िक्र कर किसी का
ख़ामोशी ने तो तेरी आलम को जी लिया है
बोला: बयान सुनकर किसका ख़ुशी हो तुझको
इस ग़मकदे में आकर दिल किनने ख़ुश किया है
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