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हमारे घर आओ आजु प्रीतम प्यारे / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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03:23, 14 नवम्बर 2009
<poem>
हमारे घर आओ आजु प्रीतम प्यारे।
फूलन ही की
स्ज
सेज
बिछाई, फूलन के चौबारे।
कोमल चरनन हित फूलन के रचि पाँवड़े सँवारे।
’हरीचंद’ मेरो मन फूल्यौ, आओ भँवर मतवारे॥
</poem>
अजय यादव
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