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* [[भावना तुमने उभारी थी कभी मेरी, इसे भूला नहीं मैं / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[रात आधी खींचकर मेरी हथेली एक उँगली से लिखा था ’प्यार’ तुमने / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[नींद प्यारी थी तुम्हें तब क्योंकि तुमने प्यार का शर-शूल था समझा न जाना / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[धार थी तुममें कि उसको आँकते ही हो गया बलिहार था मैं / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[कह रही है पेड़ की हर शाख़ अब तुम आ रहे अपने बसेरे / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[हो चुका है चार दिन मेरा तुम्हारा, हेम हंसिनि, और इतना भी यहाँ पर कम नहीं है / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[वाणबिद्ध मराल-सा अब मैं आ गिरा हूँ मैं अब तुम्हारी ही शरण में / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[कहाँ सबल तुम, कहाँ निबल मैं, प्यारे, मैं दोनों का ज्ञाता / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[झलक तुम्हारी मैंने पाई सुख-दुख दोनों की सीमा पर / हरिवंशराय बच्चन]]
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