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अक्स ने आईने का घर छोड़ा / शीन काफ़ निज़ाम
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16:17, 20 नवम्बर 2009
भागते मंज़रों ने आँखों में
ज़िस्म
जिस्म
को सिर्फ़ आँख भर छोड़ा
हर
तरफ
तरफ़
रोशनी फैल गई
सांप ने जब कभी खंडहर छोड़ा
द्विजेन्द्र द्विज
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