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Kavita Kosh से
*[[ज़ेरे-लब / फ़राज़]]
*[[ऐसे चुप हैं कि ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे / फ़राज़]]
*[[क्या ऐसे कमसुख़न कम-सुख़न से कोई गुफ़्तगू करे / फ़राज़]]
*[[हरेक बात न क्यों ज़ह्र-सी हमारी लगे / फ़राज़]]
*[[हमदर्द / फ़राज़]]