भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

औरत-4 / चंद्र रेखा ढडवाल

2 bytes added, 15:34, 29 नवम्बर 2009
<poem>
''' औरत (चार)'''
तुम सोचो मत