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<poem>
'''ख़ुदा-ए-बरतर<ref>ईश्वर महान</ref>'''
ख़ुदा-ए-बरतर
जो भी नाम-ए-हबीब <ref>प्रियतम का पत्र</ref>
से कर दिया मानून<ref>अर्थवान,अर्थपूर्ण</ref>
वो हर्फ़ मेरा है, मेरा अपना है
ऐ ख़ुदा-ए-बुज़ुर्गो-बरतर!