भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वर्षा मंगल / नरेन्द्र शर्मा

29 bytes added, 07:06, 8 दिसम्बर 2009
|रचनाकार=नरेन्द्र शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}{{KKCatNavgeet}}<poem>
सत रंग चुनर नव रंग राग
 
मधुर मिलन त्यौहार गगन में,
 
मेघ सजल , बिजली में आग ...
 
सत रंग चुनर , नव रंग पाग!
 
पावस ऋतु नारी , नर सावन,
 
रस रिमझिम , संगीत सुहावन,
 
सारस के जोड़े, सरवर में,
 
सुनते रहते, बादल राग!
 
सत रंग चुनर , नव रंग राग!
 
उपवन उपवन, कान्त-कामिनी,
 
गगन गुंजाये , मेघ दामिनी,
 
पत्ती पत्ती पर हरियाली,
 
फूल-फूल पर, प्रेम-पराग!
 
सत रंग चुनर , नव रंग राग ...
 
पवन चलाए, बाण बूंद के,
 
सहती धरती, आँख मूंद के--
 
बेलों से अठखेली करते,
 
मोर-मुकुट पहने बन-बाग़!
 
सत रंग चुनर नव रंग पाग!
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits