भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[नई कोई सरगम, कोई फ़साना, कभी मल्हार लगे / शमशाद इलाही अंसारी]]
* [[चुपक-चुपके आकर ऐसे ख़्वाब सजाया है उसने / शमशाद इलाही अंसारी]]
* [[कुत्ते / शमशाद इलाही अंसारी]]
* [[ब्यान-ए-जुदाई मेरा मश्ग़ला नहीं है दिलबर / शमशाद इलाही अंसारी]]
* [[सारी दुनिया के आगे इकरार करते हो / शमशाद इलाही अंसारी]]