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भय / अनिल जनविजय

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|संग्रह=माँ, बापू कब आएंगे / अनिल जनविजय
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
जब
 
सारी चिड़ियाँ
 
गुम हो जाती हैं
 
आकाश
 
काला पड़ जाता है
मैं डर जाता हूँ
मैं डर जाता हूँ</poem>
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