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बॉर्डर / मेरे दुश्मन मेरे भाई

292 bytes added, 18:28, 17 दिसम्बर 2009
जंग तो चंद रोज होती है - 2, जिन्दगी वर्षों तलक रोती है <br /> <br />
सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव <br /> ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल ओर मन व्याकुल<br />ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते सहमे हुए<br />ये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआं -२<br />ओ ओ ओ हो हो..<br /> <br />
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />मुझे से तुझ से, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं<br />बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय.. अ <br />मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए.. ओ ओ हो.. हो हो हो <br /> <br />
बारूद से बोझल सारी फिजा, है मोत की बू फैलाती हवा <br />जख्मो पे है छाई लाचारी, कलियों में है फिरती बीमारी <br />ये मरते बच्चे हाथो में, ये माओं का रोना रातों में <br />मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर -२, <br />हो ओ ओ हो हो हो <br /> <br />
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />मुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं <br />बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय <br />मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये. हो हो हो ...ओ हो हो हो ओ <br /> <br />
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये <br />चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर <br />बर्बादी के सारे मंजर, सब मेरे नगर सब तेरे नगर, ये कहते हैं <br />इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का ये अजगर -२ <br />हम अपने अपने खेतो में, गेहू की जगह चावल की जगह <br />ये बन्दुखे क्यों बोते हैं, <br />जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं -२ <br />आ खाएं कसम अब जंग नहीं होने पाए -2<br />ओर उस दिन का रस्ता देंखें, <br />जब खिल उठे तेरा भी चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन <br />तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन <br />तेरा भी वतन मेरा भी वतन ओ ओ ओ हो हो ओ <br />मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />
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