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दीपशिखा / महादेवी वर्मा

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* [[मैं क्यों पूछूँ यह विरह-निशा,कितनी बीती क्या शेष रही? / महादेवी वर्मा]]
* [[आज दे वरदान! / महादेवी वर्मा]]
* [[प्राणों ने कहा कब दूर,पग ने कब गिने थे शूल? / महादेवी वर्मा]]
* [[सपने जगाती आ! / महादेवी वर्मा]]
* [[मैं पलकों में पाल रही हूँ यह सपना सुकमार किसी का! / महादेवी वर्मा]]
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