भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
1 byte added,
12:36, 23 दिसम्बर 2009
'''गोत्र शलभ'''
<br>
"शलभ से हिन्दी कविता का एक नया गोत्र प्रारंभ होता है|<br>
उन्हें किसी मठ में शरण लेने की आवश्यकता नहीं है |"<br>
-- '''नागार्जुन'''<br>