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इन्तज़ार / राहुल झा

3 bytes added, 08:28, 26 दिसम्बर 2009
नहीं हुई बारिश...
सूने... तपते पहादओं पहाड़ों के बीच
ठहरी हुई एक बेचैन नदी
इन्तज़ार में है...!
</poem>
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